तिल की खेती
तिल की खेती भारत के लगभग सभी राज्य में और सभी पारकर की मिटटी में की जाती है क्यों की तिल एक ऊसकट्बन्धी पारकर की फसल होती है क्यों की तिल के लिए बहुत जादा गर्मी की औसकता नहीं होती न ही ज्यदा पानी की अवसकता होती है क्यों की तिल कम पानी अधिक पैदावार दे सकता है इस की खेती सम्बंधित जानकारी इस पोस्ट में दी गए है जिस अपना कर तिल की अच्छी खेती की जा सकती है
तिल के किस्स्म
भारत में तिल की किस्म मुख रूप से दो पर कर की होती है
1 हाइब्रिड किस्म [शंकर किस्म ]
hybride किस्म 4 – 5 माह के बीच में हो जाती है जो किस बहुत सी है आप अपने सहर के दुकानदार से ही तिल का बीज ख़रीदे जिस आप के यहाँ के मोसम के अनुसार होगा
2 देशी [रिसर्च किस्म ]
देशी किस्मे हमारे येह बहुत पहले से चली आ रही है जो की हायब्रिड किस्मो के आपेचा कम होती है जिस से किसान आब तिल के खेती नहीं करते है
तिल के बीज की बुवाई
तिल के बीज के बुवइए जहा पहले मानसून आता है वह जून के माह में बोया जाता है और जहा मानसून जुलाई में मानसून आता है वहा बाद में बोया जाता है
तिल के लिए जलवायु
तिल के जलवायु हल्का गर्म ही चाहिए इस के लिए 20 – 30 डिग्री होना चाहिए
तिल के लिए मिट्टी
तिल के खेती के लिए हल्की दोमट मिटटी की आव्सकता होती है तिल लाल मिट्टी में बहुत अच्छी होती है
तिल के लिए धूप
तिल के लिए धुप का होना बहुत ही जरुरी होता है जिस के लिए पोधा का प्रकाश संश्लेषण हो सकी तिल के लिए धुप होगा हो तिल के बीज मोटे मोटे होगे और जब तिल भरपूर पाक जाये तो तिल को धू[धुप का होना जरुरी होता है जिस से तिल के बीज में काला काला न हो सके
तिल के लिए खाद
तिल के लिए खाद बहुत ही जरुरी होता है जिस के लिए तिल को शुर में ही खाद दे दिया जाता है जिस से पोधे का विकास हो