पैदावार और मुनाफे की खेती बैगन
बैगन की खेती एक ऐसी सस्ती और बहुत लंबे और टिकाऊ समय तक पैदावार देने वाली एक खेती है और यह पूरे वर्ष उगाई जाने वाली सब्जी है बैगन को खेत के अलावा गमले में उगाया जाता है क्योंकि बैगन की खेती पूरे साल किया जाता है और बैगन की खेती सभी जलवायु वाली भूमि में बहुत ही आसानी से किया जा किया जा सकता है
नमस्कार किसान भाइयों आज हम आपको इस पोस्ट में पैदावार और मुनाफा की खेती बैगन के बारे में जानकारी देंगे अगर आप पैदावार और मुनाफा की खेती बैगन की करते हैं तो इन दिए गए जानकारी और देखभाल कैसे किया जाए बैगन के पैदावार में अधिक मुनाफा कैसे प्राप्त हो यह सब जानकारी आप इस पोस्ट में पढ़ सकते हैं Read More
Buttonबैंगन की सबसे सस्ती और अच्छी किस्म
पैदावार और मुनाफे की खेती बैगन की खेती पूरे साल की जाती है और बाजार में उनके बहुत सारी किस्म आपको मिल जाएंगे जैसे
COMPANYE | SEEDS |
VNR | 305 |
SIJANTA | |
SEMNIJE | |
PUSHA | GANGOTRI |
NAMDHARI | KVYA |
NUZOOVID | SUMITRA |
COW PEY | |
JU COMPANI | LACHAMI |
US | VARDAN |
हाइब्रिड पथ इत्यादि मार्केट में बैगन की वैरायटी मिल जाएगी
हाइब्रिड बैगन की खेती करने का समय
अगर आप पैदावार मुनाफे की खेती बैगन की बात करें तो दिसंबर और मार्च महीने में बैगन की खेती के लिए बहुत अच्छा समय है क्योंकि ज्यादा पहले से बैगन का पौधा लगाने से वह जल्दी से ग्रोथ करता है और मार्केट में पहले जल्दी से आता है जिसमें अच्छा कमाई भी होती है
बैगन की नर्सरी कैसे तैयार करें
बैगन की नर्सरी डालते समय एक समस्या होती है कि या तो बीज़ ठीक से अंकुरित नहीं होता या नर्सरी में पौधे जमते नहीं और पौधा जम जाता है तो पौधा कमजोर होता है नर्सरी में स्वस्थ बैगन के पौधे तैयार करने के लिए फरवरी या मार्च महीने के बीच को नर्सरी में डाल देना चाहिए
नर्सरी के लिए जगह
किसान को नर्सरी ऐसी जगह डालना चाहिए जहां पर सबसे पहले एक से 1.5 मीटर लंबी और 3 मीटर चौड़ी क्यारी बनाकर कुदाल से खुदाई करके कुड़ाई करके मिट्टी भर भरी कर ले उसके बाद प्रतीक क्यारी 100 ग्राम DAP डालकर जमीन को ऐसा समतल करें|
जिससे नर्सरी में पानी न लगे जमीन समतल हो जाने के बाद बैगन के बीच को mankojeb या थ्योरम से उपचारित करें और बैगन को क्यारी में एक लाइन में बीजों की बुवाई करें फिर उसके बाद क्यारी में जुट की बोरी से या धान की पावल से क्यारी को अच्छी तरह से 5 से 6 दिनों तक ढक कर रखें फिर उसके बाद यहां ध्यान रखें|
की क्यारी में नमी कम हो तो दवा छिड़कने वाली मशीन से जो जुट की बोरी के ऊपर हल्का पानी का छिड़काव करें और आपको तब तक करें जब तक बैगन के बीच अंकुरित होकर ऊपर ना आ जाए अगर आप इस तरीके से बैगन की नर्सरी तैयार करते हैं
तो 30 से 35 दिन में रोपाई करने के लिए तैयार हो और जब आपको रोपाई करना हो तो उसके लिए उसे उसे एक सप्ताह पहले बैगन की क्यारी में आपको पानी लगा देना चाहिए|
जिससे पौधों का जड़ ना टूटे जिससे पौधा स्वस्थ और मजबूत होगा
बैगन की रोपाई
बैगन को जिस खेत में लगाना होता है उसे खेत को सबसे पहले चार टैली गोबर की साड़ी खाद डालना चाहिए फिर दो बार रोटावेटर से खेत की जुताई करनी चाहिए जिससे गोबर और खाद एक जगह ना रहे
फिर DAP 50 किलो 50 किलो यूरिया और 40 किलो पोटाश और 50 किलो सल्फर डालकर खेत की अच्छी तरह से जुटाए करें जिस मिट्टी की उर्वरक शक्ति बढ़ जाए फिर कल्टीवेटर से
फिर हाथ से 4 फीट की दूरी पर[ मिट्टी के शक्ति के अनुसार] मेढ बना लेना चाहिए फिर उसके बाद बैगन लगाने से पहले बैगन को बैगन के जड़ को थ्योरम में धो लेना चाहिए जिससे किट या फफूंद नाशक रोग न लगे
बैगन में मल्चिंग बिछाना
बैगन में मल्चिंग बिछाना सबसे अच्छा काम होता है क्योंकि आज कल घास खेतों में बहुत ज्यादा मात्रा में हो रहा है जिससे मल्चिंग बिछना से घास नहीं होगा और जहां मल्चिंग नहीं होगा वहां आप दवा का इस्तेमाल कर सकते हैं ऐसा करने से खर्च बहुत काम आता है जिसमें पैदा और मुनाफा दोनों अधिक होता है और मल्चिंग से पानी की भी बचत होती है
बैगन में कौन सा ड्रिप लगाना चाहिए
बैगन में ड्रिप लगाना सबसे अच्छा काम और सस्ता और टिकाऊ ड्रिप मार्केट में उपलब्ध हो गया है जिससे किसान एक अच्छा ड्रिप लगा लगा सके और ड्रिप लगाने से पानी और खाद दोनों की बचत होती है
और और ड्रिप लगाने से पौधे की जड़ के पास खाद और पानी दोनों अच्छी मात्रा में मिल जाती है जिससे पौधों का पैदावार ग्रोथ अच्छे होते हैं और बैगन की खेती के लिए 12 mm ड्रिप लगाना सबसे अच्छा होता है
बैगन की खेती में स्प्रिंकलर लगाना
स्प्रिंकलर बैगन की खेती में स्प्रिंकलर लगाना सबसे सस्ता कीटों को मारने वाला यंत्र है जिसमें बहुत सारे kit नहीं आते क्योंकि पानी के छिड़काव से किट पत्ते से नीचे गिर जाते हैं और आप कोई सस्ता किट नाशक दवा का स्प्रे कर सकते हैं जिससे कीट खत्म हो जाते हैं
बैगन के खेत में कौन सा खाद डालें
बैगन के पौधा लगाने के बाद जब पौधे में नई पत्तियां और शाखाएं आती हैं तब बैगन को खुरपी से या कुदाल से की सहायता से गुड़ाई करें जिसमें पौधे का जड़ विकास अच्छा हो और ऐसा करने से पौधा के जड़ के पास घास खत्म हो जाती है
घास न होने से किट भी कम लगते हैं और पैदावार भी बढ़ता है फिर 15 दिन के बाद प्रति पौधा 50 ग्राम DAP और 50 ग्राम पोटाश देना चाहिए फिर उसके बाद हल्की सी सिंचाई करनी चाहिए फिर 30 दिन के बाद 150 ग्राम डीपी और 50 ग्राम पोटाश एक पौधों को देना चाहिए और एक हल्की से पानी देना चाहिए फिर आप ड्रिप से सिंचाई कर सकते हैं
बैगन के पौधों को तार से सहारा देना
पैदावार और मुनाफे की खेती बैगन में ड्रिप और इरिगेशन का प्रयोग किया जाता है जिसमें पैदावार में बढ़ावा होता है और बारिश के समय यह तो अधिक हवा या तो नमी के कारण कभी-कभी बैगन के पौधे का पेड़ जड़ सहित उखड़ जाता है जिसे रोकने के लिए बस या बंबू को तार के सहारे बांधा जाता है जिससे पौधा गिरता नहीं है और अधिक समय फल दे सके जिससे मोटा मुनाफा हो सके
बैगन की खेती में सिंचाई
बरसात या गर्मियों के समय बैगन की खेती में सिंचाई करना आवश्यक होता है क्योंकि गर्मियों में हवा के चलते पत्तियों द्वारा पानी का वासी कारण ज्यादा होता है जबकि बरसात के मौसम में बहुत ही कम मात्रा में होता है इसलिए बैगन की खेती के लिए गर्मी में 3 से 4 दिन जबकि बरसात के दिन में आवश्यकता अनुसार पानी दिया जाता है जबकि गर्मियों में सिंचाई सुबह या शाम को किया जाता है जबकि बरसात के मौसम में मौसम समय अनुसार किया जाता है गर्मियों में दोपहर के टाइम पानी नहीं देना चाहिए जिससे जड़ को नुकसान होती है
बैगन की दवा कोन सी है
बैगन में अधिक पैदावार और मुनाफा के लिए किसान को बैगन में फल फूल की दवा को फल फूल का दवा का छिड़काव करना चाहिए जिससे अधिक उपज प्राप्त हो इसलिए किसान को साइन को 10 ml/ lt 15 लीटर पानी में डालकर या फिर प्लानो फिक्स 4 ml/LT पर लीटर 15 लीटर पानी में डालकर छिड़काव करना चाहिए जिससे फूल में कमी ना हो और फल का झड़ना कम हो इसके अलावा बैगन में अधिक पैदावार के लिए हाइब्रिड का बीज ही लगाना चाहिए
बैगन की साइज के अनुसार तुड़ाई
अगर बैगन की साइज के अनुसार तुड़ाई करनी हो तो आप आसपास सब्जी मंडी होना चाहिए जिसमें छोटा या बड़ा बैगन की तुड़ाई करके मंडी में बेचना चाहिए और सब्जी मंडी आसपास ना हो तो ना हो तो बैगन की तुड़ाई शाम को ही कर लेनी चाहिए
जिससे सुबह मंडी पहुंच सके तथा बैगन की तुड़ाई मंडी के अनुसार तीन या चार दिन के बाद करनी चाहिए क्योंकि देर से तुड़ाई करने से बैगन की कलर हल्के होने लगते हैं
पैदावार और मुनाफे वाले बैगन की देखभाल
बैगन से अधिक पैदावार लेने के लिए समय-समय पर खरपतवार निकलना और आवश्यकता अनुसार सिंचाई करना और खाद का उपयोग करना और हल्की सिंचाई करना जरूरी है क्योंकि अधिक सिंचाई करने से बैगन में रोग लगा सकता है और फल सड़ सकता है जिससे अन्य किट को बुलवा देना हो सकता है ज्यादा पानी देने से बैगन में Uakdha रोग या छोटी पत्ती bajhapan रोग होने लगता है
बैगन का रोग और कीट नियंत्रण
Roge ka name | KIt ka name | DAva ka name | Matra ML \ LT |
trips | imedaclorpide 17.5 SL | 50 ML | |
aphide | imedaclorpide 17.5 SL | 1 GR \ LT | |
jaiphed | imedaclorpide 50 SC | 50 ML \20 LT | |
shut borer | CHLORANTRANILPROLE 18% SC | 0.5 ML\LT | |
ille | emaziem beatine | 2ML \LT | |
mite | piyropixsen | 2ML\LT | |
white fly | acitimapride 20 SP | 5GR/LT |
बरसात और गर्मियों में बैगन में लगने वाले कीट अधिक होते हैं क्योंकि इसमें देखभाल करना आवश्यक हो जाता है जिसमें अगर ध्यान ना दिया जाए तो पैदावार पर प्रभाव पड़ता है
हरि मक्खियों
aphied
क्योंकि यह मक्खी बैगन के पौधे को लगने के कुछ दिन बाद पौधे के पत्तियों में लग जाता है और उनका रस चूसता है जिससे पत्तियां पीली होकर गिर जाते हैं और इससे पौधा विकास काम होता है
रोकथाम
Is कीट के रोक थाम के लिए Actimapride 20sl को
1 ग्राम पर लीटर पानी में डालकर सुबह के समय पौधों को पत्तियों को नीचे की तरफ से छिड़काव करें
सफेद मक्खी
या kit बहुत छोटे-छोटे और सफेद रंग के का होता है जो बैगन की पत्तियों की नीचे बैठकर रस चूसता है और साथ में वायरस फैलाने का काम भी करता है
रोकथाम
इसके लिए imedaclopride 17.5 SL को 2ml पर लीटर पानी में घोलकर छिड़काव करना चाहिए और छिड़काव हमेशा बैगन की पत्तियों में नीचे की तरफ से करें जिससे कट पर ज्यादा असर दिखे
लाल मकड़ी
माइ या लाल मकड़ी का प्रकोप को हर सब्जियों पर होता है और इसके प्रकोप से बैगन के पौधे की पत्तियां नाव की तरह सिकुड़ने लगती है और आगे चलकर वायरस के रूप में परिवर्तित हो जाते हैं जिससे पौधा बचपन में आ जाता है
रोकथाम
इस किट के लिए धानुका कंपनी का ओमाइट को 2 ml पर लीटर पानी में घोलकर स्प्रे करना चाहिए
बैगन का फटाना
जब बरसात के समय में अधिकांश बैगन के पौधों में बोरान की कमी से बैगन का फटना होने लगता है जिसको कम करने के लिए बोरान का इस्तेमाल किया जाना चाहिए
बैगन ka तना छेदक
दिल्ली के कारण होता है जिसमें बैगन की मुलायम करने को छेड़ कर उनको काटकर खा लिया जाता है जिससे तन आगे चलकर सूख जाता है
रोकथाम
तना छेदक के लिए
दवा का नाम | फार्मूला | कंपनी का नाम |
deliget | spinetoram 11.7%w/w sc | |
korajen | CHLORANTRANILIPROLE 18%SC | FMC |
cover | CHLORANTRANILPROLE 18% SC | FMC |
shuter | CHLORPYRIPHOSE 50% EC | SIGMA CROPE SCIENCE |
दवा का नाम | फार्मूला | कंपनी का नाम |
deliget | spinetoram 11.7%w/w sc | |
korajen | CHLORANTRANILIPROLE 18%SC | FMC |
cover | CHLORANTRANILPROLE 18% SC | FMC |
shuter | CHLORPYRIPHOSE 50% EC | SIGMA CROPE SCIENCE |
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