भिंडी के प्रमुख रोग
जिस प्रकार हर एक सब्जियों में कई प्रकार के रोग होते हैं उसे प्रकार भिंडी में कई प्रकार के रोग होते हैं जो कि निम्न है अगर आप अपनी भिंडी को सही मात्रा में सही उत्पादन लेना चाहते हैं तो इन रोगों को उचित समय पर इसका निवारण करना पड़ेगा
Powder imlediyo
इस रोग के होने पर भिंडी के पौधे और तनी पर सफेद रंग के धब्बे बनने लगते हैं और रोगों का दिन प्रतिदिन बढ़ाने की क्षमता अधिक होती जाती है तथा रोग बढ़ने पर पत्तियां पीली होकर जमीन पर गिर जाती हैं इस रोग से बचने के लिए प्रति लीटर पानी में दो मिलीलीटर हेक्साकोनाजोल 5%EC तीन ग्राम सल्फर 80 WG YA VAMAN KA spary kare को मिलाकर अवश्य छिड़काव करें आवश्यकता पड़ने पर 8 से 10 दिन पर के अंतराल पर फिर punah छिड़काव करें
जड़ गलन
इस रोग से प्रभावित भिंडी के पौधे जेड सड़ने लगते हैं इस रोग से पौधों को बचाने के लिए बुवाई से पहले प्रति किलोग्राम बीज को 2 ग्राम प्रति मैनकोज E KARBENDAZIM \COPEAR CLORIDE 50 WG से उपचारित करें तथा भिंडी के खेत में खरपतवार का उचित प्रबंध रखें खेत में पानी निकालने क आवश्यक प्रबंध करें
अर्ध गलन रोग
भिंडी में अधिकांशत यह रोग देखने को मिलता है इससे पौधे कमजोर हो जाते हैं और सूखने लगते हैं फल स्वरुप पैदावार बहुत कम होती है वातावरण में अधिक आद्रता होने पर यह रोग और तेजी से बढ़ता है इस रोग की रोकथाम के लिए IMEDAक्लोरोप्रीड JU कंपनी का जुडिया का इस्तेमाल करें और अधिक से अधिक मात्रा में सूर्य की रोशनी पौधे के ऊपर पढ़नी चाहिए
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