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लोबिया की खेती

लोबिया की खेती कैसे करे

लोबिया की खेती

लोबिया की खेती कैसे की जाती है जैसे कि हम सभी जानते हैं कि लोबिया एक दलहनी फसल के रूप में आती है और जो हर माह में इसकी खेती की जा सकती है इस पोस्ट में हम आपको लोबिया की खेती कैसे की जाती है इसकी जानकारी देंगे और कब की जाती है

लोबिया की खेती कब की जाती है

लोबिया की खेती यूरिया की खेती लोबिया की खेती भारत के हर एक राज्य में की जाती है क्योंकि लोबिया एक

बेल वर्ग लोबिया एक बहुत अच्छी वैरायटी की बरबटी है जिसकी खेती हम शरद ऋतु में ग्रीष्म ऋतु में वर्षा ऋतु में और बसंत ऋतु में भी कर सकते हैं क्योंकि लोबिया के जमाव के लिए-20 25 डिग्री सेल्सियस टेंपरेचर की आवश्यकता होती है लोबिया के लिए एक अच्छे खेत के जरूरत होती है

लोबिया

 मार्क  से लेते हुए दिसंबर तक इसकी खेती की जा सकती है 


लोबिया कब बोई जाती है

lobiya

लोबिया को बन के लिए सबसे पहले अपने खेत को तैयार करना और उसमें सदी गली गोबर डालना फिर उसके बाद खेत में पता लगाना फिर उसके बाद लोबिया का isi मार्क का

बीजलेना फिर उसमें मैनकोज कार्बन डाइऑक्साइड का लेप करना फिर लोबिया को जनवरी-फरवरी मार्च अप्रैल मैं जून जुलाई अगस्त सितंबर अक्टूबर नवंबर के माह में बोया जाता है क्योंकि यहां शीतकालीन होती है और इसके बीच शीतकाल में काम जमाव में आते हैं इसलिए दिसंबर और जनवरी के माह में

लोबिया

  खेत में नहीं बोया जाता हालांकि जिन किसान भाइयों को दिसंबर और जनवरी में हिंदू भी आपको बेना होता है लोबिया को बेना होता है वह उनके लिए टेंपरेचर का भी व्यवस्था किया जाता है


लोबिया में कोन सा दावा डालना चाहिए

लोबिया में किट के अनुसार दवा डालनी चाहिए लोबिया में किट रस चूस फंगीसाइड और अन्य दवाई लोबिया में डाली जाती हैं उनके लोबिया में कीटों का आक्रमण ज्यादा होता है

लोबिया की खेती

इसलिए इसलिए लोबिया में आशिक 2 से सुरक्षा के लिए हम कीटनाशक दबाए फंगीसाइड दवाएं और रस चूस सकता है का इस्तेमाल करते हैं

लोबिया मे कौन सा खाद डाला जाता है

लोबिया में खाद के लिए 50 किलो यूरिया 50 dap किलो देती है 40 किलो पोटाश 40 किलो सल्फर और 10 क जैविक का  का इस्तेमाल किया जाता है क्योंकि लोबिया के लिए खाद और पानी की ज्यादा जरूरत होती है

जिससे लोबिया ज्यादा लंबा टाइम तक किसानों को फली दे सके इसलिए लोहिया में आप जितना खाद और दवा का इस्तेमाल करेंगे इस प्रकार से लोबिया में फल मिलेगा


लोबिया की उनाता किस्मत

लोबिया की खेती

लोबिया के उन्नत किस्म कुछ इस प्रकार हैं

लोबिया की फसल कितने दिनों तक रहती है

 लोबिया की फसल 6 से 8 माह तक लगातार फल की तोडाय कर सकते हैं क्योंकि लोबिया एक बेलवर की फसल है जिसकी बेल वर्गी में पैदावार बहुत ज्यादा होता है और लोबिया की

तोड़ाई के लिए 6 से 8 मा अधिकतम होता है अगर लोबिया के अच्छे किस्म हो तो लोबिया 8 से 10 माह तक तोड़ाई
की जा सकती है

लोबिया की फसल कितने दिन की होती है


लोबिया को कितनी दूरी पर लगाना चाहिए

लोबिया की खेती

 लोबिया को अपनी भूमि के अनुसार लोबिया को 1 से 2 फीट की दूरी पर लगानी चाहिए क्योंकि लोबिया एक बिल वर्गीय पौधा है जो के अपनी भूमि के अनुसार अपनी शाखाएं करता है

क्योंकि ज्यादा ताकतवर भूमि में लोबिया की शाखाएं ज्यादा होती हैं कम ताकतवर भूमि में लोबिया की शाखाएं कम होती है इसलिए लोबिया को लगाने से पहले अपनी भूमिका परीक्षण जरूर करवा दो

दो पौधों के बीच की दूरी कितनी होनी चाहिए

लोबिया में अधिकतम दो पौधों की दूरी एक से डेढ़ फीट जिससे पौधा अच्छे से ग्रंथ करें और फल ज्यादा उत्पादित हो

लोबिया और राजमा में अंतर

लोबिया और राजमा दोनों एक दलहनी फसल के रूप में भारत में उगाया जाता है क्योंकि दोनों को मौसम मिलता है

लोबिया

लोबिया एक दलहनी फसल के रूप में प्रयोग किया जाता है और इसकी साइज 12, 13 इंच की होती है

राजमा

राजमा एक दलहनी फसल है क्योंकि इसकी साइज 7 से 8 इंच तक ही होती है राजमा बहुत कम पैदावार देता है इसलिए इसकी खेती कुछ काम की जाती है

लोबिया की पैदावार

लोबिया की पैदावर 1 बीघे 30 से 40 कुंतल होती है

 

लोबिया की खेती

 

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