Khire खीरे की खेती
हम सभी जानते हैं की खीरा की खेती में लागत कम और मुनाफा ज्यादा प्राप्त किया जा सकता है
इसीलिए खीरा को दो सीजन में खेती की जाती है एक ग्रीष्मकालीन में और एक वर्ष कालीन के मौसम में खीरे की खेती की जाती है
खीरा की खेती कब और कैसे की जाती है
खीरा की खेती करने के लिए दो मौसम की जरूरत होती है एक ग्रीष्मकालीन और एक वर्ष कालीन क्योंकि ग्रीष्मकालीन में खीरे की खेती कहीं-कहीं भूमि पर ही होती है
वही कही अन्य राज्यों में में खीरे की खेती करने के लिए बँस या बंबू के सहारे खीरे की खेती की जाती है और किसी-किसी राज्य में ग्रीष्मकालीन में बंबू या बाँस के सहारे खीरे की खेती की जाती है
खीरे की खेती करने की विधि
खीरा की खेती करने की आगेती विधि सबसे अच्छी होती है क्योंकि इसी टाइम में मंडी भाव भी प्राप्त होता है जिससे खीरे में अच्छा मुनाफा प्राप्त होता है
वही किसान भाइयों को नवंबर के महीने में प्लास्टिक या गिलास मे खीरा के बीच को अंकुरित करने के लिए डाला जाता है उसके बाद भी खीरा अंकुरित होता है
तथा अंकुरित हुए खीरा को हम लोग फरवरी और जनवरी के महीने में इसकी रोपाई या गड्ढे खोदकर लगाया जाता है ताकि खीरा की अगाती खेती हो सके जिसमें किसान भाइयों को मंडी का मुनाफा प्राप्त हो सके
खीरा की खेती का वर्णन
खीरा एक मौसमी फल होते हुए भी हर एक मौसम में उगाया जाता है जिससे खीरा की खेती करना आसान है क्योंकि आज वैज्ञानिक के दौर में खीरा की खेती पाली हाउस में हर महीने की जा रही है जिसकी लागत कुछ ज्यादा ही आती है लेकिन खीरा से मुनाफा भी प्राप्त होता है
खीरा की खेती करने का तरीका
खीरा की खेती करने का तरीका निम्न है जो इस प्रकार है सबसे पहले हम लोगों को
बांस विधि या भूमि विधि
बांसविधि
वास विधि में हम खीरा को बोने के बाद लाइन से बास को गड्ढा खोदकर दबा देते हैं जिससे बास अपने सहारे खड़ा रहता है फिर उसके बाद हम उसी के सहारे खीरा को उसे पर चढ़ते हैं जिससे खीरा एक लंबे समय तक फली दे और फली में दाग धब्बे ना हो
भूमि विधि
भूमि विधि में हम खीरा को एक मेल टाइप बनाकर खीरा को बोया जाता है जिससे खीरा पानी से उसके जड़ में सडन गलन की समस्या ना हो भूमि पर खीरा अच्छा फल ही देता है लेकिन वही बरसात के मौसम में भूमि पर वाले खीरा में दाग धब्बे आ जाते हैं जो की मंडी भाव में थोड़ा दिक्कत आता है इस विधि में सिर्फ ग्रीष्म मौसम में इसकी खेती की जा सकती है
खीरा की खेती करने का समय
खीरा की खेती करने का समय जून जुलाई अगस्त या वर्षा काली मौसम का होता है क्योंकि जून जुलाई अगस्त में बरसात शुरू हो जाती है और इस मौसम में खीरा की खेती की जाती है दूसरा समय फरवरी जनवरी मार्च इस 3 से 4 माह में खीरे की खेती की जाती है जिससे यह ग्रीष्म मौसम में इसकी खेती की जाती है
जनवरी में खीरा की खेती
जिन किसान भाइयों को खीरा की आगे की खेती करनी होती है वह खीरे के बीज को नवंबर और दिसंबर के माह में अंकुरित कर लेते हैं और जनवरी में वह अपने खेत में लगा लेते हैं जिससे उनको आगे की खीरा की मुनाफा भी प्राप्त होता है क्योंकि आगे की खीरा में मंडी का रेट बहुत अच्छा मिलता है और उन किसान भाइयों को आगे की खीरा की खेती करने में थोड़ा किट और कीटनाशक और फगी साइडों का भी ध्यान देना पड़ता है
हाइब्रिड खीरा ki खेती
हाइब्रिड खीरा की खेती करना आज के समय में बहुत ही अच्छा माना जाता है जो कि आज के समय हाइब्रिड की खीरा की खेती बहुत अधिक उपज भी देती है और वहां लंबे टाइम तक फल भी देती है जिससे अधिकांश किसान भाइयों हाइब्रिड खीरा की खेती की तरफ ज्यादा अग्रेषित हो रहे हैं क्योंकि हाइब्रिड के खीरे 30 से 35 दिन के बाद फल देने लगते हैं
देशी खीरा की खेती
जबकि देसी खीरा वही 40 से 45 दिन के बाद 4 से 3 इंच के फली देते हैं जिससे आज के टाइम में किसान भाइयों को देसी खीरा की खेती करने में बहुत ज्यादा मुनाफा तो नहीं प्राप्त हो रहा है क्योंकि यहां खीरा कुछ ही दिनों के बाद समाप्त हो जाता है इसमें पीलापन या मोजक रोग का जल्द शिकार हो जाता है
पाली हाउस में खीरा की खेती
पाली हाउस में करना एक अति उत्तम विधि मानी जात क्योंकि यह विधि से खेती करना बहुत ही अधिक मुनाफा प्राप्त करना के समान होता है क्योंकि इस विधि में खेती में बहुत ज्यादा घटा नहीं होता है क्योंकि पाली हाउस में किट और मक्खियों का प्रकोप बहुत कम होता है जिससे फसल बहुत ज्यादा खराब नहीं होती है और बरसात के मौसम में पाली हाउस में खीरा की खेती करना अति उत्तम माना जाता है अब तो सरकार के द्वारा पाली हाउस हर एक किसान को उपलब्ध कराने का अनुमान लगाया गया है जिससे हर एक किसान की आयु दोगुनी हो सके
खीरा कौन से महीने में बोया जाता है
खीरा को ग्रीष्म के मौसम में फरवरी मार्च अप्रैल के महीने में बोया जाता है जबकि जिन किसान भाइयों को खीरा की अगेती खेती करनी होती है तो वह जनवरी में ही खीरा का बीज लगा देते हैं जिससे उनको अच्छा मुनाफा प्राप्त हो
खीरा कितने दिन में फल देता है
खीरा का पौधा अंकुरित होने के बाद 50 से 55 दिन के बाद फल देने लगता है और वही देसी खीरा 60 से 65 दिन के बाद फल देते हैं तथा बरसात के मौसम में खीर 40 से 45 दिन में फल देते हैं क्योंकि आजकल बाजार में हाइब्रिड खीरा बहुत ज्यादा मात्रा में उपलब्ध कराए जा रहे हैं
एक एकड़ में खीरा का कितना बीज लगता है
1 एकड़ में खीरा का 1 kg से 1•5kg लगता है क्योंकि खीरा को जलवायु पर निर्भर करता है और खीरा को बिजाई से पहले किट और बीमारियों से बचाने के लिए बीच मैकोजेब से उपचारित करें
खीरा के पैदावार कितनी होती है
खीरा की पैदावार बढ़ाने में सबसे अहम भूमिका भूमि खाद और रसायनों पर निर्भर करता है अगर फसल स्वस्थ हो तो खीरा एक एकड़ में 30 से 40 कुंतल होगा वहीं अगर फसल अस्वस्थ हो तो खीरे की कोई अनुमान नहीं लगाया जा सकता है
खीरा में मोजैक रोग को कैसे रोके
खीरा में मोजैक रोग से बचने के लिए खीरा पर साफ या मैनकोज़ेब का स्प्रे करना चाहिए जिससे खीरे में मोजैक रोग ना लगे
खीरे में कौन सा कीटनाशक का स्प्रे करें
खीरा में हर 15 दिन में एक नॉर्मल कीटनाशक का स्प्रे करें जब किट ना लगा हो तो खीरा में तब अगर वहीं अगर खीरा में कट लग गए हो तो मार्केट से तगड़ा कीटनाशक का स्प्रे करें जिससे की समाप्त हो जाए
खीरा में माँहू के लिए कौन सी दवा डालें
खीरा में माँहू के लिए ओमाइट दवा का स्प्रे करें क्योंकि खीरा में माँन को लगने स खीरा के पत्ते आपस में सिकुड़ जाते हैं और वहीं आगे चलकर मोजैक रूप में बदल जाते हैं इसीलिए टाइम रहते ही खीरा में यह फिर सफेद मक्खी के लिए हमेशा ओमाइड या आईएमआईडीए क्लोरोफिटे का स्प्रे करें
खीरे में कौन से फंगी साइड डालें
खीरा में फंगीसाइड बहुत से हैं जिस हिसाब से खीरे में फंगस लगे हो उसी के हिसाब से खीरा में फंगीसाइड का स्प्रे करें अगर आप प्रीवेंटिव में फंगीसाइड का स्प्रे करते हैं तो खीरा में फंगीसाइड की दवा नहीं डालनी पड़ेगी क्योंकि प्रीवेंटिव में फंगीसाइड समाप्त हो जाएंगे आप प्रीवेंटिव में साफ-साफ का प्रयोग कर सकते हैं
खीरा की खेती से कमाई
खीरा में किसानों को एक अच्छी कमाई 50 से 55 दिन के अंदर हो जाती है क्योंकि खीरा में कीटनाशक और कीटों का प्रकोप बहुत कम होता है जिससे खरे की खेती सबसे सस्ता और सबसे अच्छी फसल मानी जात क्योंकि खीरा की खेती करना सबसे आसान माना जाता है
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