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इस विधि से धान की खेती करनी चाहिए

इस विधि से धान की खेती करनी चाहिए

परिचय

किसान साथियों आपको धन की खेती की जानकारी के बारे में youtube या goole पर बहुत जानकारी मिल जाएगी जिसमे किसान देखकर वहीं बीज वहीं तकनीक का प्रयोग करते हैं

इस विधि से धान की खेती करनी चाहिए

और किसान को उससे ज्यादा रोग का असर दिखाई देता है और वह बीज उत्पादन भी काम देता है जिसमें किसान को घाता अवश्य लगता है इसलिए किसान भाइयों आपके वहां से भी या दवा लेना है जहां- दुकानदार आपके शहर या गांव का जिसमें आप अपने खेत में लगने वाले रोग या विकास की जानकारी दे सके या ले सके

धान की खेती

धान की खेती खरीफ सीजन वाला फसल माना जाता है और यह अधिकांता बरसात के मौसम में उगाया जाता है क्योंकि यह उण्ण जलवायु वाली फसल है धान के अच्छे विकास के लिए 25° से 30° डिग्री तापमान चाहिए जब पौधा फल से पकने पर आ जाए तो तापमान 18॰से 20° डिग्री सेल्सियस जरूरी पड़ती है

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धान के नर्सरी तैयार करना

इस विधि से धान की खेती करनी चाहिए के खेत के लिए धान की नर्सरी तैयार की जाती है जिससे पौधा ट्रांसप्लांट करके खेती की जा सके धान की नर्सरी डालने का समय 25 मेंई से 15 जून तक किया जाता है

क्योंकि इस समय मानसून भारत में आ भी जाता है और भारत के कुछ हिस्सों में पानी की समस्या होती है और वहां पर बारिश के बाद धान की नर्सरी डाली जाती है

धान के बीज को अंकुरित करना

धान के बीज को नर्सरी डालने से पहले अंकुरित किया जाता है जिसमें धान के बीच को 12 से 14 घंटे के लिए पानी में भिगोकर रखें और फिर उसके बाद बीज को पानी में पानी से अलग जूठ की बोरी में ट्राइकोडर्मा या थ्योरम से भिगोकर जूत की बोरी में रख दें

22 से 24 घंटे के बाद बीज अंकुरित हो जाएगा फिर उसके बाद बीज को नर्सरी के लिए क्यारी बनकर डाल दे और बीच-बीच में नर्सरी में पानी डालते रहना चाहिए

धान की खेती के लिए मिट्टी

धान की खेती के लिए मिट्टी का महत्व 70 प्रतिशत होता है बाकी 30 परसेंटेज पानी की जरूरत होती है क्योंकि धन की खेती दोमट ,काली मिट्टी, बालूआई , चिकनी सभी प्रकार की मिट्टी में पैदा की जा सकते हैं

और उसको पानी की भी जरूरत पड़ती है इसलिए धान की खेती में
समय पर पानी देना जरूरी होता है
इसलिए हमारे कुछ किसान भाइयों आजकल धान का बीज पर ध्यान देते हैं जबकि हमें बीज और पानी पर ध्यान देना चाहिए

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धान का बुवाई के लिए खेत तैयार करना

इस विधि से धान की खेती करनी चाहिए की बुवाई के लिए गर्मी के मौसम में खेत को 2से3 बार जुटाई करना चाहिए जिस खेत की घास सूख जाए और कवक नासिक और फफूंद नशी कीटाणु खत्म हो जाए

जुताई के बाद नर्सरी तैयार होने से 10 दिन पहले एक बार जुटा करें करनी चाहिए जिसमें छोटे-छोटे खास खत्म हो सके !

खान की रोपाई से पहले खेत में पानी लगाकर रोटावेटर या कल्टीवेटर से जुटाए करके पता लगाकर खेत को समतल एवं मिट्टी को लेह युक्त बना देना चाहिए

पौधे से पौधे की दूरी

धान के अच्छे पैदावार के लिए लाइन में पौधा का रोपाई करना चाहिए तथा लाइन से लाइन की दूरी 20 सेंटी तथा पौधे से पौधे की दूरी 10 से 15 सेंटी होनी चाहिए पौधे के प्रत्येक स्थान पर दो बीज होना चाहिए

धान में खाद की मात्रा

धान के खेत में खाद का प्रयोग करने से पहले मिट्टी का जांच कर लेना चाहिए जिसमें धान को आवश्यकता अनुसार खाद दिया जाए भारत के अधिकांश किसान अपनी मिट्टी की जांच नहीं कर पाते हैं

तो उनके लिए नीचे कुछ पोषक तत्व का मात्रा दिया गया है इसे अपना करधन के अच्छे भाषण ले सकते हैं जिसे अपनाकर धान की अच्छी फसल ले सकते हैं

जल्दी पकने वाली

सुगंधित धान

मध्य पकाने वाले
हाइब्रिड

इसमें इसके अलावा अगर किसान धान के रोपाई के ठीक 1 दिन बाद फास्फोरस या पोटाश का छिड़काव कर सकते हैं और इससे ऐसा करने से धान के पौधे आगे चलकर मुरझाता नहीं है और पौधा का विकास शुरू हो जाता है

धान के खेत में पानी

धान रोपने के तीन से चार दिन बाद खेत में पानी लगा देना चाहिए जिससे पौधे को बराबर नमी मिल सके

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खरपतवार नियंत्रण

धान के खेत में 15 से 20 दिन बाद खरपतवार नियंत्रण दवा का छिड़काव कर सकते हैं जिससे धान के पौधे का अच्छा विकास हो सके

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