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पालक के प्रमुख, रोग और  उपचार

पालक के प्रमुख, रोग और  उपचार:

सब्जियों में पलक हरे पत्तेदार में प्रमुख स्थान है आयरन के अलावा इसमें अन्य खनिज तत्वों का अच्छा स्रोत तथा इसमें आयरन की प्रचुर मात्र प्राप्त होती है  अन्य सब्जियों की तरह पलक में भी कई तरह के कीड़े और अन्य रोग लगने स फसल खराब हो जाती है इस पोस्ट के माध्यम से हम पालक के प्रमुख रोग के बारे में जानकारी देंगे

पालक के प्रमुख रोग निम्न है

पालक के प्रमुख, रोग और  उपचार

 लाही;  यहां हल्के लाल रंग में पीले रंग का छोटा कीड़ा होता है जिसके चिपकन से पत्ते पीले हो जाते हैं

पत्ता चबाने वाले कीट; इस तरह के कीट हरे पत्ते को पूरी तरह से खा जाते हैं

सफेद मक्खी :पालक के पत्तों को नीचे से बैठकर पालक के पत्ते का रस चूस लेता है

क्राउन mite:   पालक के पत्ते का रस चूस लेता है यह  चार  पैर वाला सबसे छोटा किट है इस तरह के किट की अधिक मात्रा में लगने स पौधा सूख जाता है

सैया किट:  यहां किट अधिकांशत रात के समय अपना भोजन बनाते हैं और यहां पालक के पत्ते तथा तानों को काटकर हानि पहुंचत

कटवा सुंडी: यहां किट दिन में भूमि के अंदर दरारों म छिपा रहता है एवं शाम के समय पौधों को जमीन के उपर से  काट के गिरा देता है

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पालक के कुछ प्रमुख रोग:

अर्ध गलन: अर्ध गलन पालक एक प्रमुख बीमारी  है जो कि यह बीमारी से पौधों को बहुत ज्यादा मात्रा में नुकसान होता है जिसे नए पौधे या नवजात पौधे मर जाते हैं

उपचार:   बिजाई के समय बीज को ट्राइकोडर्मा या  कार्बन डाइऑक्साइड /मैनकोज से उपचारित करना चाहिए विजाई से पूर्व बीज का कैप्टन या थ्योरम 4 ग्राम प्रति किलोग्राम बिज को  उपचारित होना चाहिए

पत्ता धब्बा:   पलक में याह बीमारी  सस्कॉर्पिरा बेटीकोला  फफूंद के द्वारा होता है यह रोग पत्तियों पर छोटे-छोटे एवं भूरे रंग के लाइन में धब्बे होते हैं परंतु यह आगे चलकर पौधे पर बड़े धब्बे में परिवरत हो जाते हैं

उपचार:   बीजय होने से पहले बीज को मैकौजेब कार्बन डाइऑक्साइड दवा से उपचारित  करें डाइथेन जेट दवा का 5ml पर लीटर छिड़काव करना चाहिए

पालक के प्रमुख, रोग और  उपचार

मिल आशिता:  याह रोंग पालक में पैरों नेस्को इंफोसिस को नमक कवक से होता है पत्तियों की निचली सतह पर या सफेद या पीले रंग में प्रकट होती है जिससे आगे चलकर पौधा सूख जाता है

उपचार: पालक की बहुत सी किस्म रोग प्रतिरोधक क्षमता उपलब्ध हो गई है जिसका उपयोग करना चाहिए

पूर्ण  चित्ती :  पालक का यह रोग फाइला  स्पीक्टा  प्रजाति नमक फफूंद से होता है या पालक के पत्ते पर हल्के पीले रंग के बिंदु के रुप में प्रकट होता है

उपचार : पालक के पौधों  की अवशेषों को जलाकर खेत को साफ-सुथरा रखें तथा फसल पर नियंत्रण पाने के लिए डाइटिंग डाइटिंग जेट 78 के घोल का छिड़काव करना चाहिए अतः पालक के जितने रोग हैं उन रोगों का निदान और स्पष्ट किया गया है

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