सोयाबीन मे कीट नियंत्रण
जैसे कि हम सभी जानते हैं कि सोयाबीन मे कीट नियंत्रणकी खेती में कई प्रकार के रोग लगते हैं यह रोग सोयाबीन के पेड़ों को प्रभावित करते हैं और उनके उपज को काम करते हैं सोयाबीन के कीट कुछ निम्न है और उनके नियंत्रण भी दिए गए हैं जिसे किट को नियंत्रित किया जा सके उपज को बढ़ाया जा सके
रूट रोट
यह पौधे में लगने वाली अधिकांशत बीमारी होती है जिससे पौधे की जड़े कमजोर हो जाती है इस रोग से पौधों की जड सूख जाती है और पौधे में पोषण की कमी होती है जिसके कारण पौधे का विकास बाधित होता है और उपज कम होते हैं रूट रोड के कारण पानी की कारण पौधे में पानी की समस्या आ जाती है
इस रोग से बचाव के लिए सबसे पहले संतुलित खाद संतुलित बीज और संतुलित जल से सिंचाई करना चाहिए यदि रूट रोट के लक्षण पाए जाते हैं तो उपचार के लिए किसान या अनुभवी विशेषागों से सलाह लेनी चाहिए
डेड लिफ
यह एक पौधे का रोग है जिसमें पौधे के पत्ते ऊपर से सूख जाते हैं और उनका रंग पीला या लाल हो जाता है इस रोग के कारण पौधे का प्रकाश संश्लेषण की समस्या उत्पन्न हो जाते हैं
जिस पौधे के विकास में कमी और पोषण में भी शक्ति नहीं आती इसका मुख्य कारण पानी की कमी , वायरस , वाल वर्म, और अन्य रोगाणु वाले कीट से होते हैं
डेड लिफ से बचने के लिए सुरक्षा का सही प्रबंध किया जाना चाहिए सही समय पर पोषण और सही समय पर उपचार करना आवश्यक होता है
यदि किसान को रोग के प्रकोप के लक्षण को समझना उचित सलाह लेने के लिए स्थानिक कृषि विशेष से कोशिश सहायता लेनी चाहिए
वायरस
वायरस एक प्रकार का रोग होता है जो किसी भी स्वस्थ पौधे को नुकसान कर सकता है यह पौधे के ऊपर असर डालता है और पौधे को असमर्थ बना सकता है वायरस संक्रमण के कारण पौधे के पत्ते डाली या फूल पर सामान्य दाग धब्बे हो जाते हैं
इस रोग से बचने के लिए पौधे को सुरक्षित रखने के लिए कि सही समय पर पेस्टिसाइड और रोग प्रबंधन उपाय का पालन करना आवश्यक होता है
वायरस से संक्रमित हुए पौधों को खेत से जल्द से हटा देना और साफ सफाई करना चाहिए इस तरफ इस रोग में से बचने के लिए तुरंत कृषि विशेषज्ञ से संपर्क करना चाहिए ताकि उचित उपचार किया जा सके
फंगस
फंगस एक प्रकार का कवक रोग होता है जो कवके के कारण ही फैला है एक पौधे के पत्ते डालो या रेशे पर प्रभाव डालते हैं जिससे उन्हें विकार उत्पन्न होता है
फंगस संक्रमण के कारण पौधों की पोषण शक्ति कम हो जाती है और उपज पर बुरा असर पड़ता है इस रोग से बचने के लिए फंगस की दवा का छिड़काव करना चाहिए तथा संक्रमित पौधों को हटा देना चाहिए
अगर पौधे के यदि पौधे पर फंगस का संक्रमण ज्यादा दिखे तो कृषि विशेषज्ञ से संपर्क करना चाहिए ताकि उचित दवा किया जा सके